आओ बच्चो प्यारे बच्चो मिलकर खेले हम एक खेल आगे पीछे जुड़कर बच्चो चलो बना ले लम्बी रेल जो तोड़ेगा खेल की रेल उसको जाना होगा जेल अगर प्यार से खेले हम सब बढ़ता है बच्चो मे मेल
बसंत की हवा के साथ रंगती मन को मलती चेहरे पर हाथ ये होली लिए रंगों की टोली लाल गुलाबी बैंगनी हरी पीली ये नवरंगी तितली है आज तो जाएगी घर घर दर दर ये मौज मनाएंगी भूल पुराने झगड़े सारे सबको गले लगाएगी पीली फूली सरसौं रानी
नदी के जैसे सरल बनो, पर्वत से तुम अडिग रहो। सूरज जैसी आभा वाले, चंदा जैसे शालीन बनो। करो उपकार वृक्ष के जैसे, परिश्रम करो तुम चींटी जैसा। यह छः बातें जो तुम अपनाओ, जग में ऊँचा नाम कमाओ।
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